कोशिका का परिचय :प्रत्येकजीव का शरीर एक सूक्ष्मतम इकाई द्धारा निर्मित होता है जिसे कोशिका कहते है कोशिका जीवन की मूलभूत इकाई है तथा इसे एक जीव की सरंचात्मक व क्रियात्मक इकाई के रूप में जाना जाता है कोशिका एक लैटिन भाषा का शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ खाली स्थान होता है
कोशिका की खोज रॉबर्ट हुक ने (1665 )में की
इसने सबसे पहले मृत कॉर्क कोशिकाओं की खोज की इन्होने सूक्ष्मदर्शी से मृत कॉर्क कोशिकाओं में प्रकोष्ठ (खण्ड )समान सरंचना देखी
कोशिका का वर्णन पुस्तक (माइक्रोग्राफिया )में किया
कोशिका की संरचना का अध्ययन साइटोलॉजी कहलाता है
रॉबर्ट हुक को साइटोलॉजी जनक (FATHER OF CYTOLOGY) के रूप में जाना जाता है जबकि स्वानसन को आधुनिक साइटोलॉजी का जनक (FATHER OF MODERN CYTOLOGY) कहते है
जीवित कोशिकाओं की खोज ल्यूवेनहॉक (1674 )में की
कोशिका जैविक क्रियाओ की इकाई है जो चयनात्मक पारगम्य कला द्धारा घिरी रहती है इसमें प्राय: स्वजनन की क्षमता होती है
कोशिका जीवद्रव्य से बनी होती है इसमें प्रोटीन ,कार्बोहाईड्रेट ,वसा न्यूक्लिक अम्ल पाया जाता है
कोशिका सिद्धान्त : कोशिका सिंद्धान्त का प्रतिपादन (1839) में मॉल्थस श्लाइडेन (जर्मन वनस्पतिविज्ञ ) तथा श्वान (जर्मन प्राणीशास्त्री )दोनों ने सयुक्त रूप से दिया
इसके मुख्य लक्षण
सभी जीव कोशिकाऐं या उनके उत्पाद के बने होते है
सभी कोशिकाये सरंचनात्मक तथा उपापचयी रूप से समान होती है
एक जीव की सभी जैविक क्रियाऍ कोशिकाये सम्पन्न करती है
प्रत्येक कोशिका आनुवंशिकता की इकाई है
नयी कोशिका पूर्वस्थित कोशिका से उत्पन्न होती है इसे (Cell Lineage Theory) कहते है यह संकल्पना रूडोल्फ विरचो (1885 )द्धारा दी गई थी आधुनिक कोशिका सिद्धान्त : इसे सैल डॉक्टरिन या सैल प्रिसिपल भी कहते है
सभी जीव कोशिका से मिलकर बने होते है जिसमे कोशिका तरल ,केन्द्रक व कोशिकांग पाए जाते है जो कला से घिरे रहते है
कोशिका का स्वंतंत्र अस्तित्व हो सकता है परन्तु अंगक का नहीं
कोशिका की संख्या व आकार में वृद्धि उस जीव की वृद्धि कहलाती है
कोशिका में जीवन होता है
कोशिका के प्रकार:रचना के आधार पर कोशिका दो प्रकार की होतीहै 1 प्रोकैरियोटिक कोशिका 2 यूकैरियोटिक कोशिका 1 प्रोकैरियोटिक कोशिका :इने प्रारम्भिक कोशिका कहते है क्योकि इनकी उत्पति सबसे पहले हुई प्रोकैरियोटिक कोशिका की उत्पति रासायनिक विकास सिद्धान्त के अनुसार समुद्री जल से मानी गई है प्रोकैरियोटिक कोशिका से सरल जीवो का निर्माण होता है
कोशिका माप में छोटी (0.1 -5.0) होती है
ये कोशिका न्यूरेमिक अम्ल द्धारा निर्मित होती है
DNA कोशिका द्रव्य में मुक्त रूप से पाया जाता है
DNA वलयाकार होता है
इनमे रिक्तिका अनुपस्थित होती है
इनमे लैंगिक जनन नहीं होता है
70 S प्रकार के राइबोसोम पाये जाते है
कोशिका झिल्ली में मिजोसोम उपस्थित होते है श्वसन प्लाज्मा झिल्ली में होता है
इनमे केन्द्रक झिल्ली तथा केन्द्रिका अनुपस्थित होती है
इनका एकल कला संगठन होता है
उदाहरण : जीवाणु ,सायनोबैक्टीरिया ,माइक्रोप्लाज्मा
2 यूकैरियोटिक कोशिका : ये एक विकसित प्रकार की कोशिका होती है जिसमे झिल्ली बद्ध कोशिकांग पाये जाते है जैसे , केन्द्रक ,राइबोसोम , तारकाय , लाइसोसोम आदि
कोशिका अपेक्षाकृत माप में बड़ी (5 -100 >M ) होती है
ये कोशिकाये सेलुलोज द्धारा निर्मित होती है
अधिकांश कोशिकीय DNA केन्द्रक में पाया जाता है
केंद्रीय DNA रेखीय होता है बाह्य केन्द्रकीय DNA वलयाकार होता है
इनमे रिक्तिका उपस्थित होती है
इनमे लैंगिक जनन होता है
80 S प्रकार के राइबोसोम पाए जाते है
इसमें श्वसन तंत्र (mitochondrion )में होता है
इसमें पूर्ण विकसित केन्द्रक व् सुविकसित कोशिकाएँ होती है
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