नशीले पदार्थ - ऐसे रासायनिक पदार्थ जो मानव शरीर में जाकर जहरीले रसायन की तरह कार्य करते है। तथा मनुष्य की फिजियोलॉजी (शरीर की कार्यिकी ) को प्रभावित करते है। इन्हें नशीले पदार्थ कहते है।
गुटखा - सुपारी के टुकड़ो में कत्था,चुना वह संश्लेषित खुशबू दार धातुओं के मिश्रण को मिलाकर गुटखा तैयार किया जाता है। यह हानिकारक होता है। इसके सेवन से मुँह की मांसपेशिया कठोर हो जाता है। तथा कैंसर रोग की पूर्ण सम्भावना होती है। गुटखा खाने के कारण सबम्यूकसफाईब्रोसिस रोग हो जाता है।
तम्बाकू - निकोटिएना टेबेकम,यह पादप सोलेनेसी कुल का है। इसकी पत्तियों में हानिकारक एल्केलॉएड निकोटिन पाई जाती है।जैसे - गुटखा,चबाने वाले नशीले पदार्थ में तम्बाकू पाया जाता है। तम्बाकू को बीड़ी,सिगरेट,चिलम,हुक्का आदि रूपों से उपयोग में लिया जाता है। तम्बाकू के सेवन से कैंसर होता है। जिससे मुख्यतः फेफड़ों का कैंसर होता है।
तम्बाकू के उपयोग से होने वाली हानि - तम्बाकू के सेवन से निम्न प्रकार की हानि होती है।
❶ इसके कारण मुँख में अनेक रोग उत्पन्न हो सकते है। जैसे :- सफेद दाग,मुँख का न खुलना पाना,तथा कैंसर आदि हो सकते है।
❷ इसके सेवन से हृदय की धमनियों में रक्त प्रवाह कम होता है। जिससे ह्रदय रोग मायोकार्डियल,इन्फोकशन तथा अन्जाइना हो सकता है।
❸ रक्त चाप बढ़ सकता है।
❹ श्वास की बीमारी जैसे - ब्रोकाइटिस,दमा तथा फेफड़ों का कैंसर हो सकता है।
❺ स्नायुतंत्र पर प्रभाव पड़ता है। तम्बाकू में 3000 से अधिक रसायन पाये जाते है। अमोनिया,कार्बन मोनोऑक्साइड,मेथेनॉल,निकोटिन,कोलतार,रेडियोऐक्टिव तत्व होता है। ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे के अनुसार अपने देश में 65% पुरुष व 20% महिला तम्बाकू का सेवन करती है।
नियम - तम्बाकू अधिनियम की धारा 4 के तहत सार्वजनिक स्थानों रेल्वे स्टेशन,बस स्टैण्ड,अस्पताल परिसर ,सरकारी कार्यालय ,पार्क आदि में कोई व्यक्ति अधिनियम की पालना नहीं करता है। तो उस पर कानूनी कार्यवाही व 200 रूपये का जुर्माना किया जाता है।
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