जन्तु प्रजनन :- जन्तुओं में अपने जैसे जीव उत्पनं करने की प्राकृतिक क्षमता को ही जंतु प्रजनन कहते है। जिसके अन्तर्गत प्रकृति में वो अपना अस्तित्व बनाये रखते है। जन्तु प्रजनन के अन्तर्गत अच्छे आनुवंशिक लक्षणों को विकसित करने हेतु कृत्रिम विधि द्वारा नस्ल सुधार किया जाता है। जिसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है।
① जन्तुओं की वृद्धि दर में सुधार।
② दूध,मांस,अण्डे व ऊन इत्यादि के उत्पादन में मात्रात्मक वृद्धि।
③ उत्पादकों की गुणवता में सुधार करना।
④ जन्तुओं के रोग प्रतिरोग क्षमता में वृद्धि करना।
⑤ पशुओं में उच्च स्तर की जन्म दर बढ़ाना
⑥पशुओं के जीवन कल में वृद्धि करना।
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