जन्तुओ में नस्ल सुधार की विधि । पशुओं में नस्ल सुधार की विधि

जन्तुओ में नस्ल सुधार की विधि :- जन्तुओं में नस्ल सुधार के लिए निम्नलिखित विधि है।इन विधिओ के द्धारा अच्छे गुणवता वाले जंतु प्राप्त किये जाते है तथा इनसे अच्छे उत्पाद प्राप्त किये जाते है। जो पशु पालको के लिए किसी ना किसी रूप में ये विधि बेहतर साबित हुई है। 

 ①अन्तप्रजनन :- किसी एक नस्ल के विभिन्न जन्तुओं के मध्य किसी लक्षण विशेष को ध्यान में रखते हुये इनमें प्रजनन कराया जाता है। और इनसे प्राप्त संतति अच्छे गुण वाली प्राप्त होती है। अर्थात इस विधि के द्धारा आनुवंशिक सुधार की अच्छी सम्भावनाएं होती है। 

 ② बाहय संकरण :- जब दो भिन्न भिन्न नस्लों के जन्तुओं के मध्य प्रजनन कराया जाता है। तो इनसे प्राप्त संतति उन्नत नस्ल वाली प्राप्त होती है।  

③ अंतराजातीय संकरण :- इस में एक जाति  के नर या मादा जन्तुओं का किसी अन्य जाति के मादा या नर जंतु के मध्य प्रजनन कराया जाता है। तो प्राप्त संतति में दो भिन्न जन्तुओं के लक्षण प्रदर्शित हो जाते है। जो किसी ना किसी रूप से लाभदायक हो सकते है। जैसे :- घोड़े तथा गधे के बीच के संकरण से उत्पन्न खच्छर में दोनों जन्तुओं के लक्षण प्रकट होते है।  

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