मुर्गी पालन या कुकुट पालन ।poultry farming

 मुर्गी पालन या कुकुट पालन :- अण्डे,मांस एवं पंखों के उत्पादन हेतु मुर्गी पालन लिया जाता है। क्योंकि इनसे प्राप्त अण्डों में पर्याप्त प्रोटीन की मात्रा होती है। जिसे मनुष्य अपने भोजन के रूप में इस्तेमाल करता है। तथा इनसे प्राप्त मांस को भी भोजन के रूप में खाया जाता है। इसलिए आर्थिक दृष्टि से यह प्राणी बहुत लाभदायक होता है। इसके अतिरिक्त इनमे प्रजनन क्षमता बहुत अधिक होने के कारण यह लाभांश भी अधिक होता है। 

कुक्कुट पालन एवं प्रबंधन :-  जिस स्थान पर मुर्गीओ को पाला जाता है। उसे कुक्कुट शाला या मुर्गी पालन कहते है। जिसके निर्माण में बहुत सी सावधानियाँ रखी जाती है। जैसे - कुक्कुट शाला हवा दार व प्रकाश युक्त होना चाहिये तथा नीचे की फर्श पर पुवाल,लकड़ी का बुरादा या सूखे पत्ते बिखरे हुये होने चाहिये। कुक्कुट शाला के चारों और एक सामान्य ऊँचाई की चार दीवारी होनी चाहिए जिससे इसमें कुत्ते,बिल्ली व चूहों का प्रवेश नहीं हो कुक्कुट शाला में एक ऐसा अतिरिक्त कक्ष  होना चाहिए जिसमे उसके आहार की सामग्री को सुरक्षित रखा जा सके। कुक्कुट शाला में मुर्गीओ को अण्डे देने हेतु एक उचित स्थान निर्धारित करना चाहिए तथा अंडे सग्रहण की प्रक्रिया में सावधानी रखनी चाहिए यदि दिऐ हुये अण्डों को मुर्गी द्धारा ऊष्मापन उत्पन्न कर दिये जाते है। तो उनमे चूजे उत्पन्न हो सकते है। तथा मुर्गीओ की संख्या में वृद्धि करने हेतु चूजों का उत्पादन करना होगा। तथा उनकी उचित देखरेख कर इनकी वृद्धि एवं विकास पर ध्यान देना चाहिए।  

मुर्गीओ को सन्तुलित आहार प्रदान करना एक मुख्य कारक है। जिसके अन्तर्गत अनाज,जौ,मांस,मछली,हरी सब्जी आदि खाती है। मुर्गीओ को कैल्शियम युक्त भोजन की आवश्यकता होती है। तथा उपयुक्त पात्रों में पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। 



मुर्गीपालन के रोग :- मुर्गीओ में कुछ सामान्य बीमारी होती है। जो निम्न प्रकार है।

 ①विषाणु जनित रोग :- मुर्गीओ में जैसे - चेचक,ब्रोमोकाइटिस,लिम्फाइडसिस तथा रानीखेत रोग शामिल है। रानीखेत रोग मुर्गीओ का सामान्य रोग है। इसमें मुर्गी गोल -गोल घूमती है। तथा इसमें मुर्गी को ज्वर व अतिसार हो जाता है।  जिससे मुर्गीओ के मरने की सम्भावना अधिक होती है। 

② जीवाणु जनित रोग :- मुर्गीओ में जैसे - फाउलकॉलेरा,पुलोरम,कोराइजा,माइक्रो प्लाज़्मोसिस आदि। 

③ बर्ड फ्लू :- H5N1 नामक वायरस से होता है। 

④ कवक जनित रोग :- अफ़लाटोक्सिसकोसिस,ब्रुरुडरनिमोसिसतथा एस्परजिलोसिस उपरोक्त रोगों में से यदि कोई सा रोग मुर्गी में उत्पन्न हो जाता है। तो उस मुर्गी को मारना उचित समझा जाता है। क्योंकि उस मुर्गी से रोगाणु दूसरी मुर्गीओ में फैल सकता है।      

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