बहु भ्रूणता ( Polyembryony) :- सामान्यतः एक ही बीज में एक ही भ्रूण पाया जाता है। किन्तु कभी -कभी कुछ बीजों में एक से …
जनन की विशिष्ट विधियाँ :- सामान्यतः प्रकृति में पाए जाने वाले पादपों में कायिक एवं लैंगिक जनन पाया जाता है। लेकिन कु…
पीढ़ी एकान्तर :- आवृतबीजी पादपों में स्वयं बीज पादपों में पाया जाता है। इनके जीवन में द्धिगुणित तथा अगुणित पीढ़ी एकान्तर…
फल का विकास :- निषेचन के पश्चात अण्डाशय परिपक्व होकर फल का निर्माण करता है। बीजाण्ड एवं अण्डाशय की भित्ति में संश्लेषि…
बीज का विकास ( seed development) :- द्धिनिषेचन के पश्चात भ्रूण कोश में भ्रूण एवं भ्रूणपोष का परिवर्धन होता है। इसक…
भ्रूण( Embryo) :- निषेचन के पश्चात भ्रूणपोष में बनने वाली द्धिगुण संरचना युग्मनज कहलाती है। जिसे प्राथमिक भ्रूण…
भ्रूणपोष (Endosperm) :- त्रियक संलयन की प्रक्रिया द्धारा कोशिकाओं का पिण्ड भ्रूणपोष कहलाता है। जो भ्रूण विकास के दौर…
निषेचन (Fetilization) :- नर व मादा युग्मकों के संलयन से द्धिगुणित जाइगोट के निर्माण की प्रक्रिया को निषेचन कहते है। न…
परपरागण के साधन (Agencies of cross pollination) :- इन्हें दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। (A) अजैविक (B) जैव…
परागण (Pollination) : - परागणों का परागकोषो से मुक्त होकर उसी जाति की वर्तिकाग्र पर स्थानांतरण होने को परागण कहते है। …
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